भारत ने रूस से अतिरिक्त एस-400 मिसाइलों का अनुरोध किया: रिपोर्ट

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 हां, हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए रूस से अतिरिक्त S-400 मिसाइल सिस्टम और बैटरियों का अनुरोध किया है। यह अनुरोध 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान S-400 सिस्टम की सफलता के बाद किया गया, जिसमें इसने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय किया था। S-400, जिसे भारत में 'सुदर्शन चक्र' भी कहा जाता है, 600 किमी तक लक्ष्यों को ट्रैक और 400 किमी की रेंज में उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। सूत्रों का कहना है कि रूस इस अनुरोध पर सकारात्मक रुख अपना सकता है और निकट भविष्य में इसे मंजूरी दे सकता है।

भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर में पांच S-400 स्क्वाड्रन खरीदने का सौदा किया था, जिनमें से तीन की डिलीवरी हो चुकी है और दो की डिलीवरी 2025 और 2026 में होने की उम्मीद है। यह कदम भारत की रणनीतिक रक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से हवाई खतरों के मद्देनजर।

साथ ही, रूस ने भारत को S-400 के रखरखाव और पुर्जों के उत्पादन के लिए भारत में एक सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा कर सकता है।




एस-400 ट्रायम्फ (नाटो नाम: SA-21 ग्रॉलर), जिसे भारत में सुदर्शन चक्र के नाम से भी जाना जाता है, रूस के अल्माज़-एंटी द्वारा विकसित एक मोबाइल, लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल (SAM) प्रणाली है। इसे विश्व की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है, जो विमानों, ड्रोनों, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे विभिन्न हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन की गई है। नीचे एस-400 प्रणाली का विस्तृत अवलोकन दिया गया है, जिसमें इसकी विशेषताएं, क्षमताएं, घटक, तैनाती और भारत में इसका उपयोग शामिल है।


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